झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को कोर्ट ने 6 दिनों की ED रिमांड पर भेजा, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुए थे गिरफ्तार

ईडी की जांच में पाया गया कि मंत्री आलमगीर आलम का हिस्सा आवंटित निविदा राशि का 1.5 प्रतिशत था और एक मामले में यह भी पाया गया कि आलमगीर आलम को अपने हिस्से का 3 करोड़ रुपये का कमीशन प्राप्त हुआ था, जो सितंबर 2022 में एक सहायक अभियंता द्वारा भेजा गया था.

 
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झारखंड के ग्रामीण विकास मामलों के मंत्री आलमगीर आलम को 6 दिनों की ईडी रिमांड पर भेजा गया. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आलमगीर आलम को ईडी ने पूछताछ के बाद बुधवार को गिरफ्तार किया था. गुरुवार को उन्हें अदालत पेश किया गया. अदालत ने उन्हें छह दिनों की ईडी रिमांड का आदेश दिया है. ईडी ने रिमांड नोट में आरोप लगाया कि साल 2023 में गिरफ्तार तत्कालीन चीफ इंजीनियर वीरेन्द्र कुमार राम टेंडर आवंटन के बदले कमीशन लिया करते थे, जिसमें से 1.5 फीसदी कमीशन मंत्री आलमगीर आलम को जाता था.

जांच के दौरान 6 से 8 मई तक मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम समेत अन्य के 6 ठिकानों पर ईडी ने रेड मारी थी, जहां से साढ़े 37 करोड़ रुपए बरामद किए थे.

मंत्री टेंडल घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता, ईडी का आरोप

जांच में पाया गया कि मंत्री आलमगीर आलम के लिए उसका पीए संजीव लाल पैसों के कलेक्शन का काम करता था. जांच के दौरान ये भी पाया गया कि आलमगीर आलम टेंडर घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता हैं, जिसे हर टेंडर पर एक फिक्स अमाउंट दिया जाता था.

इस घोटाले में आरोपी से पूछताछ के बाद कुछ और सरकारी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करनी है. इसलिए ईडी आरोपी की 10 दिन की रिमांड की मांग की थी.

हालांकि दोनों तरफ की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आलमगीर आलम को 6 दिन की रिमांड पर भेजा. बता दें कि ईडी की छापेमारी के बाद करोड़ो रुपए की कैश बरामदगी के बाद झारखंड की सियासत में बवाल मचा हुआ है. बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा पर हमला बोल रही है और चुनाव में यह मुद्दा बन गया है.

आवंटित निविदा राशि का मिलता था 1.5 फीसदी कमीशन

इसमें कहा गया है कि कमीशन के संग्रह और वितरण की पूरी प्रक्रिया ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल और ग्रामीण कार्य विभाग में तैनात सहायक इंजीनियरों द्वारा की जाती थी.

आलमगीर आलम का हिस्सा आवंटित निविदा राशि का 1.5 प्रतिशत था और एक मामले में यह भी पाया गया कि आलमगीर आलम को अपने हिस्से का 3 करोड़ रुपये का कमीशन प्राप्त हुआ था, जो सितंबर 2022 में एक सहायक अभियंता द्वारा भेजा गया था.

सितंबर 2020 का मनी लॉन्ड्रिंग मामला झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (जमशेदपुर) के मामले और वीरेंद्र कुमार राम और कुछ अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मार्च 2023 में दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है.