कोलकाता रेप मर्डर केस: टूटे बाल, खून के धब्बे, DNA टेस्ट… जानें CBI की चार्जशीट में संजय रॉय के खिलाफ क्या-क्या
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लेडी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में सीबीआई ने 58 दिनों के बाद सियालदह कोर्ट में चार्टशीट दायर की. चार्जशीट में आरोपी सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को मुख्य आरोपी बताया गया है. उसके खिलाफ सीबीआई ने कुल 11 सबूत पेश किए हैं.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लेडी डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले में सीबीआई ने 58 दिनों के बाद मंगलवार को चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट में गिरफ्तार सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को मुख्य आरोपी बताया गया है. आरोपी सिविक वालंटियर के खिलाफ कई धाराएं जोड़ी गयी हैं. यदि आरोपी पर लगे आरोप कोर्ट में साबित हो जाते हैं तो उसे आजीवन कारावास या मृत्युदंड दिया जा सकता है. हालांकि आरोपी संजय रॉय ने अपराध करने से अस्वीकार किया है.
सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट में 11 सबूत पेश किय गये हैं और इसके आधार पर संजय रॉय को मुख्य आरोपी बताया गया है. सबूत के रूप में सीबीआई ने पीड़िता के शरीर पर संजय रॉय का ब्लड और छोटे बाल मिले हैं. डीएनए से इसकी पुष्टि हुई है. सीसीटीवी फुटेज, उसके मोबाइल लोकेशन और कॉले डिटेल का भी उल्लेख किया है. पीड़िता ने संजय रॉय को विरोध किया. इस दौरान चोट लगी थी. संजय रॉय के शरीर पर चोट के निशान भी मिले हैं.
सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (1) हत्या के तहत एफआईआर दर्ज की है. हालांकि, आरोप पत्र में 64 (बलात्कार), 66 (बलात्कार करते समय किसी की हत्या करना या उसे मरना) और हत्या की धारा 103 (1) के तहत भी दर्ज किया गया है.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 का मतलब रेप है. भारतीय दंड संहिता की धारा 66 यानी बलात्कार के कारण हत्या. यदि यह धारा सिद्ध हो जाती है तो बीस वर्ष की कैद या मृत्युदंड दिया जा सकता है.
सीबीआई ने 213 पेज की जमा की चार्जशीट
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआई को करने का आदेश दिया था. सीबीआई ने घटना के 58 दिन बाद सियालदह कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया. आरोपपत्र 213 पेज का है. सीबीआई ने वहां 200 गवाहों का जिक्र किया है, उन सबूतों के आधार पर सिविक वालंटियर को मुख्य आरोपी बताया गया है.
इस आरोप पत्र के मुताबिक मौके पर किसी और की मौजूदगी और हत्या-बलात्कार मामले में सिविक के अलावा किसी और की संलिप्तता से इनकार किया गया है. कलकत्ता पुलिस ने सबसे पहले जानकारी दी थी कि रेप वानस्पतिक अवस्था यानी पेरी-मॉर्टम अवस्था में था. इसका जिक्र सीबीआई की चार्जशीट में भी है. आरोपी सिविक नशे में था.
सीबीआई की चार्जशीट में उनके विकृत यौन रुझान और मानसिक विकार का भी जिक्र किया गया है. आरोप पत्र में 128 लोगों के बयान दर्ज करने का जिक्र है. इनमें से 57 की गवाही सीबीआई कर रही है. सीबीआई ने टूटे बाल, ब्लड के नमूने, टूटे हेड फोन सहित कई सबूत पेश किये हैं.
आरोपी ने कहा-उसे कुछ भी नहीं पता
हालांकि आरोपी सिविक वॉलेंटियर ने दावा किया कि उसने कुछ नहीं किया है. उसे कुछ भी पता नहीं है. उसने कोर्ट रूम में खड़े होकर कहा, ”मैं कुछ कहना चाहता हूं.” इसके बाद उसे कोर्ट में लाया गया. वहीं खड़े होकर उसने कहा, ”मैं कुछ कहना चाहता हूं. मुझे घटना के बारे में कुछ भी पता नहीं है.”
सीबीआई के वकील ने मांग की है कि अगली सुनवाई ‘इन-कैमरा’ (निजी तौर पर, सार्वजनिक रूप से नहीं) की जाए. आरोपी के वकील का दावा है कि सीबीआई की चार्जशीट में कई तस्वीरों का जिक्र किया गया है. वे अभी तक उन्हें प्राप्त नहीं हुए हैं. सीबीआई ने बताया कि वे कुछ तस्वीरें बाद में मुहैया कराएंगे. कुछ तस्वीरों की फॉरेंसिक जांच चल रही है. आरोपियों के वकील ने कोर्ट में दावा किया कि वे घटनास्थल का दौरा करना चाहते हैं. न्यायाधीश ने इस संबंध में लिखित आवेदन देने को कहा.
लेडी डॉक्टर की हत्या के बाद हुआ था गिरफ्तार
डॉक्टर का शव 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के आपातकालीन विभाग के सेमिनार कक्ष में पाया गया था। उस पर रेप और हत्या का आरोप लगाया गया है. उन्हें उस रात कोलकाता पुलिस की साल्ट लेक की चौथी बटालियन के बैरक से गिरफ्तार किया गया था.
कोर्ट की अनुमति से पहले सिविक वालंटियर का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया था. वहां उनसे 10 सवाल पूछे गए. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, पॉलीग्राफ टेस्ट में दिए गए जवाबों से केंद्रीय खुफिया एजेंसी संतुष्ट नहीं थी. इसलिए उन्होंने नार्को टेस्ट की योजना बनाई. हालांकि, पॉलीग्राफ और नार्को दोनों के लिए अभियुक्त की सहमति की आवश्यकता होती है.
केंद्रीय एजेंसी के आवेदन को खारिज कर दिया गया क्योंकि आरोपी ने नार्को परीक्षण के लिए सहमति नहीं दी थी. आरोपियों पर जांच में सहयोग न करने के भी आरोप लगे. कोलकाता पुलिस जांचकर्ताओं के एक वर्ग ने दावा किया कि आरोपियों में पश्चाताप की कोई भावना नहीं थी. इस बार उन्होंने सिविक कोर्ट में दावा किया कि उसे कुछ भी पता नहीं है.