जम्मू-कश्मीर को पहला हिंदू मुख्यमंत्री देने की तैयारी, इस फॉर्मूले से बनेगी BJP सरकार?

जम्मू कश्मीर में अब तक हिंदू मुख्यमंत्री नहीं बना है और न ही बीजेपी अकेले दम पर सरकार में आ पाई है. इस बार 3 ऐसे फैक्टर हैं, जिससे बीजेपी को सत्ता में आने की उम्मीद है. यही वजह है कि रिजल्ट से पहले बीजेपी सरकार बनाने का फॉर्मूला तैयार कर रही है.

 
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव

जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटों का रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अभी से घाटी में सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है. पहली बार श्रीनगर में कमल खिलाने में जुटी बीजेपी एक साथ 2 मोर्चों पर सियासी बिसात बिछा रही है. मोर्चे की कमान कद्दावर नेता राम माधव के कंधों पर है.

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक इस बार जिस तरह से चुनाव हुए हैं, उससे पार्टी को लग रहा है कि सरकार बनाने के जादुई आंकड़े 48 को वो आसानी से छू लेगी. इन उम्मीदों को उप राज्यपाल की एक शक्ति ने भी बल दिया है.कहा जा रहा है कि बीजेपी अगर समीकरण सेट करने में सफल रहती है तो घाटी को पहला हिंदू मुख्यमंत्री मिल सकता है.

एलजी के जिम्मे 5 सदस्यों का मनोनयन

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का जो नियम है, उसके मुताबिक 90 सदस्य चुन कर आएंगे, जबकि 5 सदस्यों को मनोनीत किया जाएगा. यह मनोनयन जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल करेंगे. कांग्रेस और विपक्षी दल इसका विरोध कर रही है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला के मुताबिक अभी इस मनोनयन से सरकार के गठन पर असर होगा.

जम्मू-कश्मीर बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी के मुताबिक विधानसभा के गठन के साथ ही इन 5 सदस्यों को एलजी मनोनीत करेंगे. पहले से यह प्रावधान है. 8 अक्टूबर या उसके बाद एलजी कभी भी इस संबंध में नोटिफिकेशन निकाल सकते हैं.

नियम के मुताबिक एलजी 2 महिला और 3 कश्मीरी विस्थापित पंडितों को विधायक के तौर पर मनोनीत कर सकते हैं. इन सभी के पास उतने ही पावर होंगे, जितने पावर चुने हुए विधायकों को मिलेंगे. सभी विधायक सरकार गठन के लिए वोट दे सकेंगे.

5 सदस्यों का मनोनयन कैसे बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है? इस सवाल के जवाब में जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार वाहिद भट्ट टीवी-9 भारतवर्ष से कहते हैं- इस बार का जो रूझान दिख रहा है, उसमें किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलना मुश्किल है.

भट्ट के मुताबिक ऐसे में इन 5 विधायकों का मनोनयन बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है. अगर बीजेपी किसी भी तरह 43 के आंकड़े पर पहुंचती है तो इन 5 के सहारे सरकार बनाने के जादुई नंबर 48 को आराम से छू लेगी.

भट्ट आगे कहते हैं- इन 5 सदस्यों का एलजी मनोनीत करेंगे और एलजी केंद्र के प्रतिनिधि हैं. केंद्र में अभी बीजेपी की सरकार है तो इस बात की संभावनाएं बिल्कुल ही नहीं है कि मनोनीत सदस्य किसी और के पक्ष में खड़े होंगे.

43 के आंकड़े छूने के लिए ये है मास्टर प्लान

जम्मू कश्मीर में कुल 90 सीटों के लिए विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. इनमें से 43 सीट जम्मू रीजन की और 47 सीट कश्मीर रीजन की है. बीजेपी जम्मू रीजन में काफी मजबूत स्थिति में है. जम्मू कश्मीर बीजेपी मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी के मुताबिक इस बार बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है.

2024 के लोकसभा चुनाव में जम्मू रीजन की 29 सीटों पर बीजेपी को बढ़त मिली थी. पार्टी को इस बार संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद है. पार्टी को घाटी की भी कुछ सीटों पर जीत की उम्मीद है.

वहीं बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने उन निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है, जो जमीन पर मजबूत स्थिति में हैं. यह काम खुद बीजेपी के कद्दावर नेता राम माधव कर रहे हैं. 2014 में राम माधव के प्रयास की वजह से ही बीजेपी पीडीपी के साथ सरकार में आ पाई थी.

वाहिद भट्ट कहते हैं- इस बार घाटी की कई सीटों पर निर्दलीय विधायकों के जीतने की उम्मीद है. यही निर्दलीय सरकार के किंगमेकर होंगे, इसलिए दोनों ही तरफ से इन निर्दलीय को साधने की कवायद शुरू हो गई है.

भट्ट के मुताबिक 8 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार बनाने की कवायद में तेजी आएगी. बीजेपी अगर अकेले दम पर 30-35 सीट भी जीत लेती है तो वो सरकार बनाने की रेस में फ्रंटरनर हो जाएगी.