NDA में सीट शेयरिंग फाइनल नहीं फिर खुले मंच से उम्मीदवार घोषित क्यों कर रहे अजित पवार?

अजित पवार ने डिंडौरी से नरहरि जिरवाल और खेड़ा-अलौंदी से दिलीप मोहित पाटिल के नाम की घोषणा खुले मंच से की है. दोनों ही सीट पर शिवसेना (शिंद) भी दावेदारी कर रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग के बिना ही अजित नामों का ऐलान क्यों कर रहे हैं?

 
एनसीपी

महाराष्ट्र की सियासत में डिप्टी सीएम अजित पवार इन दिनों दो वजहों से सुर्खियों में हैं. पहली वजह ये कि अपने गढ़ बारामती से अजित चुनाव लड़ेंगे या नहीं का सवाल है. 5 दिन पहले बारामती के एक मंच से लोगों को संबोधित करते हुए अजित ने कहा कि कई चुनाव लड़ चुका हूं और अब लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है.

अजित के सियासी सुर्खियों में रहने की दूसरी वजह एनडीए में सीट शेयरिंग पर जारी सस्पेंस के बीच खुले मंच से उनके द्वारा उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करना है. अजित अब तक महाराष्ट्र की 2 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुके हैं. दिलचस्प बात है कि दोनों ही सीटों पर शिवसेना (शिंदे) की दावेदारी है.

अजित ने इन दो सीटों पर किया नाम का ऐलान

1. अजित पवार ने दो महीने पहले डिंडौरी सीट से नरहरि जिरवाल को उम्मीदवार घोषित कर दिया था. जिरवाल अभी विधानसभा में डिप्टी स्पीकर हैं. जिरवाल की घोषणा से एकनाथ शिंदे की शिवसेना नाराज हो गई. शिंदे की सेना डिंडौरी सीट पर दावा कर रही है. हालांकि, अजित गुट का कहना है कि सीट शेयरिंग के फॉर्मूले के तहत यह सीट उसे ही मिलनी चाहिए.

2. एक दिन पहले अजित पवार ने खेड़-आलिंदी सीट से दिलीप मोहित पाटिल को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. अजित पवार ने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग इन्हें जीताकर सदन भेजिए. हम इन्हें बड़ा आदमी बनाने का काम करेंगे. खेड़-अलिंदी सीट पर शिवसेना (शिंदे) भी दावा कर रही है.

महाराष्ट्र में एनडीए के भीतर सीट बंटवारे पर पेच

महाराष्ट्र में चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे पर पेच फंसा हुआ है. एनडीए में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित) समेत 6 दल शामिल हैं. इन दलों के बीच सीटों का बंटवारा होना है. कहा जा रहा है कि मुख्य रूप से 3 दलों के बीच ही सीट शेयरिंग का पेच नहीं सुलझ रहा है.

अजित पवार की एनसीपी महाराष्ट्र की करीब 90 सीटों पर दावेदारी कर रही है. इसी तरह शिवसेना (शिंदे) की दावेदारी 100-110 सीटों पर है. 3 छोटी पार्टियां भी 40 सीट पर ताल ठोक रही है.

एनडीए में सीट शेयरिंग के विवाद को लेकर 2 चर्चा है. पहली चर्चा के मुताबिक अजित पवार की पार्टी को 50-55, एकनाथ शिंदे की पार्ट को 70-80 सीटें मिल सकती है. वहीं 140 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ सकती है.

दूसरी चर्चा के मुताबिक 20-25 सीटों पर तीनों ही दल फ्रेंटली फाइट के तहत चुनाव लड़ सकती है और बाकी के सीटों को मेरिट के हिसाब से बांट सकती है. महाराष्ट्र में करीब 55 ऐसी सीटें हैं, जहां पर तीनों ही दलों की दावेदारी है.

फिर अजित उम्मीदवार घोषित क्यों कर रहे?

बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि महाराष्ट्र में एनडीए दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी है. ऐसे में अजित पवार उम्मीदवारों के नाम का ऐलान क्यों कर रहे हैं? वो भी तब, जब उनकी ओर से घोषित उम्मीदवार नरहरि जिरवाल के नाम पर सियासी बवाल मच चुका है.

जानकारों का कहना है कि अजित उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर 2 सियासी समीकरण एक साथ साध रहे हैं. पहला, अजित पवार ने जिन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है, वो सभी सीटें एनसीपी की सीटिंग है.

अजित उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर गठबंधन के सहयोगी दलों को संदेश दे रहे हैं कि सीटिंग सीट के साथ कोई समझौता नहीं होगा. 2023 में एनसीपी के बगावत के वक्त 42 विधायक अजित पवार के साथ सरकार में शामिल हुए थे.

उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करने की दूसरी वजह अजित सियासी संदेश देने की कोशिश है. दरअसल, एनसीपी (अजित) को लेकर महाराष्ट्र के गलियारों में कई तरह की अटकलें एक साथ चल रही है. इनमें गठबंधन के भीतर उनकी स्थिति से लेकर सीट शेयरिंग में भूमिका तक शामिल हैं.

कहा जा रहा है कि इन वजहों से वे नेता और कार्यकर्ता भी अजित का साथ छोड़ रहे हैं, जो एक साल पहले उनके साथ आए थे. अजित इसी स्थिति को मजबूत करने के लिए खुले मंच से उम्मीदवारों के नम की घोषणा कर रहे हैं.