लोकसभा चुनाव के बाद संदेशखाली में फिर हिंसा, पुलिस और महिलाओं में भिड़ंत, राज्यपाल ने ममता से की हस्तक्षेप की मांग

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखकर उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हिंसा की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में सूचित करने के लिए कहा है. इसके साथ ही ही चुनाव बाद हिंसा को लेकर चिंता जताई है.

 
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संदेशखाली में मतदान के 24 घंटे के बाद फिर से हिंसा भड़क उठी है. संदेशखाली के विभिन्न हिस्सों में छिटपुट रूप से गड़बड़ी की सूचना मिली है. मारपीट, तोड़फोड़ और अशांति फैलाने के आरोप में 9 लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. प्रशासन संदेशखाली के विभिन्न इलाकों में माइकिंग कर शांति का संदेश दे रहा है. संदेशखाली की चार पंचायतों में धारा 144 जारी कर दी गई है. दूसरी ओर, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखकर संदेशखाली हिंसा के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.

संदेशखाली के सरबेरिया गांव में ग्रामीणों ने रात भर तृणमूल के खिलाफ हिंसा की शिकायत की. बीजेपी कार्यकर्ता और समर्थक गांव में पहरा दे रहे हैं. सुरक्षा की मांग को लेकर पुलिस को एक प्रतिनिधिमंडल भी सौंपा गया. इस बीच, पुलिस और स्थानीय महिलाओं में भिड़ंत हुई है.

पुलिस और महिलाओं में झड़प

संदेशखाली के अगरघाटी का मंडलपाड़ा इलाके में झड़प की घटना घटी. मतदान के दिन इस गांव में पुलिस और भीड़ में झड़प की स्थिति बन गयी थी. रविवार सुबह जब पुलिस गांव में दाखिल हुई तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस ने उसे ले जाने की कोशिश की. तभी गांव की महिलाओं ने आरोपी को पुलिस के हाथ से छीनने की कोशिश की. रहवासियों ने पुलिस की गाड़ी के आगे लेटकर विरोध जताया. फिर पुलिस गांव में घुसने लगी. केंद्रीय बल के जवानों को देख महिलाएं तालाब में कूद गईं.

राज्यपाल ने ममता से हस्तक्षेप की मांग की

इस बीच, राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने कहा कि संदेशखाली में चुनाव के बाद हिंसा की रिपोर्ट मिलने के बाद वह चिंतित हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तुरंत हस्तक्षेप करने और वहां शांति बहाल करने को कहा है.

राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हिंसा की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में सूचित करने के लिए कहा है. अगर ऐसे हमले जारी रहे और निवासियों को प्रताड़ित किया गया, तो मैं उनके लिए यहां आने और रहने के लिए राजभवन के दरवाजे खोल दूंगा. उन्हें यहां सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जाएगा.

दूसरी ओर, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब पुलिस कथित तौर पर उन पर हमला करने वाले कुछ लोगों की तलाश में वहां गई थी, तो संदेशखाली के अगरघाटी गांव में महिलाएं रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) कर्मियों के साथ हाथापाई में शामिल हो गईं, पेड़ों की टहनियां गिरा दीं और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया.