क्या अंबानी-अडानी जैसे अरबपतियों पर लगेगा Billionaire Tax? क्या होता है ये, जिस पर G20 में होना है बड़ा फैसला

दुनिया में असमानता का स्तर बढ़ रहा है. अमीर और अमीर हो रहा है और गरीब और गरीब. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि वर्ल्ड बैंक की ही एक रिपोर्ट में इस पर विस्तार से चर्चा की गई है. इस बीच अब दुनियाभर में Billionaire Tax को लेकर बातचीत होने लगी है. क्या है ये और इस साल G20 में इस पर क्या कोई बड़ा फैसला हो सकता है?

 
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भारत में आज जब भी अमीर आदमी की बात होती है, तो सबसे पहले आपके ध्यान में मुकेश अंबानी और गौतम अडानी जैसे अरबपतियों का नाम आता है. दुनियाभर में जिस तरह से असमानता बढ़ रही है, वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक अमीर और अमीर एवं गरीब और गरीब हो रहा है, तब ये चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या इन अरबपतियों पर अलग से Billionaire Tax लगना चाहिए? क्या होता है ये टैक्स, क्यों इस साल ब्राजील में होने वाली G20 Summit का ये सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है.

भारत के बाद जी20 की अध्यक्षता इस साल ब्राजील को मिली है. जी20 देशों में जो मेजबान देश होता है, वह अपनी तरफ से कई मुद्दों पर सहमति बनाने का प्रस्ताव रखता है. इस बार ब्राजील ने बिलेनियर टैक्स का प्रस्ताव रखा है, जिसका समर्थन फ्रांस, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी जैसे देश भी कर रहे हैं.

क्या होता है बिलेनियर टैक्स?

ब्राजील ने बिलेनियर टैक्स का जो प्रस्ताव रखा है, उसे असल में फ्रांस के इकोनॉमिस्ट गैबरियल जुकमैन ने तैयार किया है. असल में ये एक संपत्ति कर है. इसमें एक निश्चित सीमा से अधिक की संपत्ति के मालिकों से सरकार टैक्स वसूलती है. पुराने दौर में भी इस तरह के टैक्स की अवधारणा रही है.

ब्राजील का प्रस्ताव है कि जिन भी लोगों की संपत्ति एक अरब डॉलर (करीब 8300 करोड़ रुपए) से अधिक है, उनसे उसका 2 प्रतिशत सालाना का टैक्स लिया जाए. यही बिलेनियर टैक्स है. इससे दुनियाभर के करीब 3000 सुपर रिच लोगों से सरकारें हर साल 250 अरब डॉलर ( करीब 20.8 लाख करोड़ रुपए) जुटा सकेंगी.

कांग्रेस ने किया सरकार से सवाल

भारत में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी इसका समर्थन करती दिख रही है. पार्टी के प्रमुख नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करके इस पर सरकार से भारत की स्थिति बताने के लिए कहा है. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि भारत में 1 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति रखने वालों की संख्या 167 है. अगर सरकार इनसे हर साल 2 प्रतिशत वेल्थ टैक्स लेती है, तो 1.5 लाख करोड़ रुपए की इनकम होगी. ये देश की जीडीपी का करीब 0.5 प्रतिशत होगा. इससे देश में स्कूल, हॉस्पिटल, रीन्यूएबल एनर्जी और अन्य जरूरतों पर निवेश किया जा सकेगा.

आम भारतीयों की क्या है राय?

बिलेनियर टैक्स को लेकर आम भारतीयों की क्या राय है, इसे लेकर हाल में एक सर्वे भी हुआ था. ‘Earth 4 All Initiative and Global Commons Alliance’ के सर्वे के मुताबिक दुनियाभर में करीब 68 प्रतिशत लोग ‘बिलेनियर टैक्स’ लगाने के पक्ष में हैं. ये कहना है दुनिया की टॉप इकोनॉमीज में रहने वाले नागरिकों का.

वहीं सर्वे शामिल 74 प्रतिशत भारतीयों ने सुपर रिच या बिलेनियर्स पर लगाए जाने वाले वेल्थ टैक्स का समर्थन किया है. उनका कहना है कि इस टैक्स का इस्तेमाल देश में भुखमरी और असमानता से निपटने के लिए होना चाहिए. वहीं सर्वे में शामिल 68 प्रतिशत भारतीय इस पैसे से बिजली प्रोडक्शन, परिवहन, भवन, उद्योग और भोजन की जरूरतों को पूरा करने की बात करते हैं. तो करीब 81 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इस पैसे को अलग से रखकर सरकार को स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को दूर करना चाहिए.