अकबर ने राजकुमारी से नहीं, नौकरानी से की थी शादी…राज्यपाल ने किया दावा
जोधा-अकबर की शादी और उनपर मूवी और सीरियल्स बनाए गए हैं. इसपर राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि जोधा ने किसी राजकुमारी से नहीं बल्कि एक नौकरानी से शादी की थी. ये नौकरानी आमेर महल में काम करती थी. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश इतिहासकारों ने भारत के इतिहास पर झूठी बातें प्रचारित की है.

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया कि मुगल बादशाह अकबर ने राजकुमारी से नहीं बल्कि आमेर की एक महल की नौकरानी से शादी की थी. उन्होंने सदियों पुरानी ऐतिहासिक सहमति को चुनौती दी और ब्रिटिश इतिहासकारों पर भारत के अतीत को विकृत करने का आरोप लगाया. महाराणा प्रताप की जयंती की पूर्व संध्या पर बुधवार को बागड़े ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि जोधा और अकबर ने शादी की थी.
उन्होंने कहा कि इस कहानी पर एक फिल्म भी बनाई गई थी. इतिहास की किताबें भी यही कहती हैं, लेकिन यह झूठ है. बागड़े ने कहा कि अकबर की पत्नी कोई शाही नहीं बल्कि एक नौकरानी की बेटी थी और आमेर के राजा भारमल ने शादी की व्यवस्था की थी, लेकिन इसमें कोई राजकुमारी शामिल नहीं थी.
अकबरनामा का दिया हवाला
अकबर हरिभाऊ ने अपने दावे के समर्थन में अकबरनामा में जोधाबाई का कोई उल्लेख न होने का हवाला दिया. अकबरनामा अकबर के शासनकाल का आधिकारिक रिकॉर्ड है. ऐतिहासिक रूप से माना जाता है कि अकबर ने रणनीतिक गठबंधन के तहत 1569 में भारमल की बेटी से शादी की थी. इतिहासकार उसे हरका बाई या मरियम-उज़-ज़मानी के नाम से जानते थे.
राज्यपाल ने कहा कि महाराणा प्रताप ने कभी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया. इतिहास में अकबर के बारे में ज्यादा पढ़ाया जाता है और महाराणा प्रताप के बारे में कम. हालांकि, राज्यपाल बागड़े ने कहा कि अब स्थिति में सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हमारी संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को संरक्षित करते हुए नई पीढ़ी को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है.
राज्यपाल बागड़े ने महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज की देशभक्ति के प्रतीक के रूप में प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि उनके जन्म में 90 साल का अंतर है. अगर वे समकालीन होते तो देश का इतिहास अलग होता. दोनों को वीरता और देशभक्ति के एक ही नजरिए से देखा जाता है. राज्यपाल बागड़े ने यह भी कहा कि उनके सम्मान में महाराष्ट्र के संभाजीनगर में महाराणा प्रताप की घुड़सवार प्रतिमा स्थापित की गई है.