नैनीताल: कभी नवाब का था ये होटल, जिन्ना ने भी यहीं मनाया था हनीमून… अब बनेगा पार्किंग प्वाइंट, एक साथ खड़ी होंगी 1000 गाड़ियां

उत्तराखंड के नैनीताल जिले का मेट्रोपोल होटल परिसर पार्किंग के रूप में उपयोग किया जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस शत्रु संपत्ति को पार्किंग के रूप में उपयोग के लिए राज्य सरकार को आवंटित कर दिया है. शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल होटल साल 1880 में गौथिक शैली में बनाया गया था.

 
उत्तराखंड

उत्तराखंड में एक शत्रु संपत्ति को पार्किंग के रूप में उपयोग किया जाएगा. ये शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल होटल है. ये मेट्रोपोल होटल उत्तराखंड के नैनीताल जिले में है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब मेट्रोपोल होटल परिसर को अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक पार्किंग के रूप में उपयोग के लिए पुष्कर सिंह धामी सरकार को आवंटित किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसे लेकर पत्र लिखा और जानकारी दी है.

दरअसल, नैनीताल में पार्किंग की गंभीर समस्या है. इस समस्या को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया था कि शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल होटल परिसर के खुले स्थान को पार्किंग के लिए अस्थायी रूप से आवंटित कर दिया जाए. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद होटल परिसर में अब सरफेस पार्किंग बनने का रास्ता साफ हो गया है.

साल 1880 बनाया गया था होटल

केंद्रीय गृह मंत्रालय का ये फैसला नैनीताल जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल में जो पर्यटक घूमने आते हैंं, उनको और यहां के स्थानीय लोगों के लिए बड़ी राहत है. अब यहां पार्किंग की बढ़ती समस्या से निजात मिलेगी. साथ ही यातायात व्यवस्था में भी सुधार आएगा. मुख्यमंत्री धामी ने इस निर्णय के लिए केंद्रीय गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया. सीएम धामी ने कहा कि इससे नैनीताल में पार्किंग की समस्या को दूर करने में सहायता मिलेगी. बता दें कि शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल होटल साल 1880 में गौथिक शैली में बनाया गया था.

मेट्रोपोल होटल परिसर करीब नौ एकड़ फैला

आजादी के समय 1957 में महमूदाबाद रियासत के नवाब के पास इसका मालिकाना अधिकार था. मेट्रोपोल होटल परिसर करीब नौ एकड़ है. एक समय में इस होटल में 75 कमरे, 16 काटेज,, 24 सरवेंट क्वाटर और पांच टेनिस लॉन थे. बताया जाता है कि महमूदाबाद रियासत के नवाब देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए. वो पाकिस्तान के नागरिक बन गए. साल 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू होने के साथ ही इस होटल को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया.

हनीमून के लिए यहीं रुके थे जिन्ना

बहुत कम लोगों को मालूम है कि मोहम्मद अली जिन्ना अप्रैल, 1919 में नैनीताल आए थे. जिन्ना तब हनीमून के लिए इसी होटल में रुके थे. उन्होंने अपनी पत्नी रतीबाई के साथ नैनी झील में बोटिंग भी की थी. जिन्ना की स्ट्रेनले वाल्पार्ट द्वारा लिखी बायोग्राफी में इस नैनीताल प्रवास का जिक्र किया था. जिन्ना महमूदाबाद के राजा के अतिथि के रूप में यहां रहे थे, जो उनके अच्छे मित्र था. राजा का नैनीताल में मेट्रोपोल होटेल था. मेट्रोपोल होटल उस समय का प्रमुख होटल था, जिसमें देश विदेश कई प्रमुख लोग अक्सर रहने आते थे.