इस शख्स ने पहले ही दे दिया था पुलिस को राजा रघुवंशी की हत्या का बड़ा हिंट, 17 दिन पहले की वही बात निकली सच
17 दिन से मध्य प्रदेश और मेघालय पुलिस जिस मर्डर केस को सुलझाने में जुटी थीं, उसमें बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस के मुताबिक, पत्नी सोनम ने ही भाड़े के किलर्स से पति राजा रघुवंशी की हत्या करवाई थी. 2 जून को राजा की लाश शिलॉन्ग स्थित घने जंगलों के बीच झरने के पास मिली थी. पुलिस पत्नी सोनम को ढूंढ ही रही थी कि वो यूपी के गाजीपुर से गिरफ्तार हुई. लेकिन पुलिस को पहले से ही एक शख्स ने राजा की हत्या में बड़ा हिंट दे दिया था. वही बात अब सच साबित भी हुई.

इस वक्त पूरे देश में बस एक ही केस की चहुंओर चर्चा हो रही है. वो है राजा रघुवंशी केस. पुलिस की मानें तो इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या उसी की पत्नी सोनम ने बड़ी ही शातिराना तरीके से प्लान बनाकर करवाई. इसके लिए उसने भाड़े के सुपारी किलर्स को हायर किया था. इस हत्याकांड में सोनम के प्रेमी का भी हाथ था. पुलिस ने आरोपी पत्नी और तीन सुपारी किलर्स को तो गिरफ्तार कर लिया है. प्रेमी भी गिरफ्तार है. एक आरोपी की तलाश अभी जारी है. लेकिन इस केस में एक ऐसा शख्स थी था, जिसने पहले ही पुलिस को बड़ा हिंट दिया था. वो शख्स कोई और नहीं बल्कि, टूरिस्ट गाइड अल्बर्ट पडे हैं.
अल्बर्ट पडे आखिरी शख्स थे जिन्होंने कपल को देखा था. उन्होंने कपल को सुबह 10 बजे मावलाखैत गांव की ओर 3,000 सीढ़ियां चढ़ते हुए देखा था. उनके साथ तीन आदमी थे, जिन्हें उन्होंने पर्यटक समझा था. इसके बाद सोनम और राजा दोनों लापता हो गए. पडे के मुताबिक- जब उन्होंने राजा-सोनम को देखा तो चार पुरुष आगे चल रहे थे, जबकि महिला पीछे थी. चारों पुरुष हिंदी में बातचीत कर रहे थे, लेकिन मैं समझ नहीं पाया कि वे क्या बोल रहे थे क्योंकि मैं केवल खासी और अंग्रेजी ही जानता हूं. गाइड ने दावा किया- जब तक मैं मावलाखैत पहुंचा, तब तक उनका स्कूटर वहां नहीं था.
11 मई को राजा और सोनम की शादी इंदौर में हुई थी. फिर वो हनीमून के लिए असम स्थित कामाख्या मंदिर गए. वहां से उन्होंने पहले श्रीनगर जाना था. लेकिन पहलगाम अटैक के कारण वो मेघालय के लिए निकल गए. पुलिस की मानें तो सारी प्लानिंग सोनम की ही थी. 20 मई को ही दोनों मेघालय पहुंचे. वहां उन्होंने होटल में कमरा किराए पर लिया.
23 मई से थे दोनों लापता
22 मई को कपल किराए के स्कूटर पर मावलखियात गांव पहुंचा और वहां से नोंग्रियाट गांव में प्रसिद्ध ‘लिविंग रूट ब्रिज’ देखने के लिए 3000 सीढ़ियां उतरकर गया. वो रात भर एक होमस्टे में ठहरे थे. फिर 23 मई को सुबह वहां से दोनों निकले थे. इसके कुछ घंटों के बाद दोनों लापता हो गए.
गाइड भाकुपार वांशाई ने बताया- मावलाखैत से नोंग्रियात तक पहुंचने में लगभग तीन घंटे लगते हैं. इसमें लगभग 3,000 सीढ़ियां उतरनी पड़ती हैं. कपल ने मुझे 22 मई को फोन किया. शाम के 3:30 बज रहे थे. मैंने मना नहीं किया और उन्हें नोंग्रियात ले जाने का फैसला किया. उन्हें शिपारा होमस्टे पर छोड़ने के बाद मैं चला गया. एक अन्य गाइड अल्बर्ट पडे भी उनके साथ थे. वांशाई ने बताया- हमने अगले दिन (23 मई) भी अपनी सेवा देने की पेशकश की. लेकिन उन्होंने (कपल ने) मना कर दिया. उन्होंने कहा कि वे रास्ता जानते हैं.
2 जून को मिली राजा की लाश
कपल लापता हुआ तो उनकी तलाश की जामे लगी. दिन बीत रहे थे, लेकिन दोनों का कोई सुराग हाथ न लगा. मामला पूरे देश में सुर्खियों में बन गया. फिर 2 जून को राजा की लाश वेईसावडॉन्ग झरने के पास गहरी खाई में मिली. मगर सोनम तब भी नहीं मिली. पहले लगा कि वहां के लोकल बदमाशों ने ये सब किया होगा.
हालाकिं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस भी चौंक गई. राजा की हत्या की गई थी. वो भी नए हथियार से. सोनम अब भी लापता था. अंदेशा जताया जा रहा था कि कहीं सोनम ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार न हो गई हो. परिवार परेशान था ही कि इस बीच खबर आई सोनम गाजीपुर में है. फिर सोनम का काला चिट्ठा सबके सामने आ गया. पुलिस के मुताबिक, सोनम ने परिवार से संपर्क करने के लिए फोन का इस्तेमाल किया जिसके बाद पुलिस सोनम तक पहुंची. फिलहाल सोनम को मेडिकल के लिए भेजा गया है. मामले में आगामी जांच जारी है.