जल्द मिलेगी ‘तूफानी’ स्पीड, Starlink को मिलने वाली है सरकार से हरी झंडी!
केंद्रीय मंत्री ने इस बात की पुष्टि की है कि स्टारलिंक जल्द ही भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू कर सकती है. स्टारलिंक के सामने अभी कौन-कौन सी चुनौतियां बाकी हैं और लॉन्चिंग के बाद सैटेलाइट इंटरनेट देने वाली इस कंपनी की कौन-कौन सी कंपनियों से टक्कर हो सकती है? आइए जानते हैं.

सैटेलाइट इंटरनेट ऑफर करने वाली कंपनी Starlink पिछले लंबे समय से भारत में एंट्री की कोशिश कर रही है, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि कंपनी की कोशिश रंग लाने वाली है. हाल ही में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात की पुष्टि की है कि स्टारलिंक जल्द भारत में सर्विस ऑफर करने लगेगी, इससे एक बात तो साफ है कि स्टारलिंक की लॉन्चिंग में अब बस कुछ ही कदम की दूरी बची है.
लेटर ऑफ इंटेंट के बाद अब स्टारलिंक को GMPCS लाइसेंस मिलने का इंतजार है. GMPCS लाइसेंस मिलने के बाद IN-SPACe से अंतिम मंजूरी लेनी होगी, अप्रूवल मिलने के बाद स्टारलिंक भारत में अपनी सर्विस शुरू कर पाएगी.
रेस में हैं ये दो कंपनियां
स्टारलिंक से पहले OneWeb और Reliance को सैटेलाइट कनेक्टिविटी के लिए लाइसेंस मिल चुका है. 100 से ज्यादा देशों में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट ऑफर करने वाली कंपनी स्टारलिंक का फोकस तेज और लो लेटेंसी ब्रॉडबैंड के जरिए उन जगहों तक इंटरनेट को पहुंचाना है जहां इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है.
IN-SPACe से हर झंडी मिलने और स्टारलिंक का प्रोसेस पूरा होने में बहुत ही कम वक्त बचा है. Amazon भी प्रोजेक्ट Kuiper के जरिए भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने के लिए लाइसेंस और अप्रूवल लेने में जुटी हुई है.
Starlink Plans Price in India
द इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमोशनल ऑफर के तहत भारत में स्टारलिंक कंपनी के अनलिमिटेड डेटा प्लान्स की कीमत 10 डॉलर (लगभग 840 रुपए) से शुरू होंगे. कम कीमत में ग्राहकों को लुभाने की स्टारलिंक की रणनीति कितनी कामयाब होगी, ये तो वक्त ही बताएगा. लेकिन अगर ऐसा हुआ तो भारत में सैटेलाइट इंटरनेट ऑफर करने वाली बाकी कंपनियों को भी किफायती कीमत में प्लान्स उपलब्ध कराने होंगे.
भारत के दूर-दराज वाले ऐसे क्षेत्र जहां कनेक्टिविटी की दिक्कत है, वहां तक स्टारलिंक और अन्य सैटेलाइट इंटरनेट की पहुंच से लोगों को फायदा होगा.