किसने बनाया था पहला QR Code? UPI-Aadhaar और WhatsApp हर जगह होता है इस्तेमाल

क्या कभी सोचा है यूपीआई पेमेंट करने के लिए आप जो क्यूआर कोड स्कैन करते हैं, उस क्यूआर कोड को आखिर सबसे पहले किसने और कब बनाया था? हो सकता है कि इस सवाल का जवाब बहुत से लोग जानते हो, लेकिन अब भी बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें इस सवाल का जवाब नहीं पता है. चलिए जानते हैं कि क्यूआर कोड का आइडिया आखिर आया कहां से था?

 
QR Code Full Form

UPI Payment से लेकर WhatsApp Web चलाने तक, हर जगह क्यूआर कोड का इस्तेमाल हो रहा है. क्यूआर कोड की एक खास बात ये है कि हर बार जब भी ये जेनरेट होता है, इसमें एक यूनिकनेस होती है क्योंकि हर कोड एक-दूसरे से अलग है. लेकिन क्या आप लोगों को पता है कि आखिर सभी कामों को आसान बनाने वाला ये क्यूआर कोड आखिर बनाया किसने? आज हम क्यूआर कोड के पीछे का दिलचस्प किस्सा आप लोगों को बताने वाले हैं.

किसने बनाया और कब बनाया क्यूआर कोड?

आज आप यूपीआई पेमेंट करना हो या फिर व्हाट्सऐप वेब चलाने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन करना हो, इन सभी कामों को आसानी से पूरा करने वाले क्यूआर कोड टेक्नोलॉजी का आविष्कार लगभग 31 साल पहले हो गया था. QR Code में क्यूआर का फुल फॉर्म है Quick Response. इस कोड का आविष्कार सन् 1994 में जापानी इंजीनियर मासाहिरो हारा द्वारा किया गया और फिर टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन की सहायक कंपनी Denso Wave द्वारा इस कोड को डेवलप करने का काम पूरा हुआ.

कहां से क्यूआर कोड का आइडिया?

मासाहिरो हारा को क्यूआर कोड का आइडिया गो गेम को खेलते वक्त आया, जिन लोगों ने इस गेम को नहीं खेला है उन लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि इस गेम में 19×19 के ग्रिड होते हैं जो काले और सफेद रंग में नजर आते हैं.

गेम खेलते वक्त उन्हें आइडिया आया कि क्यूआर कोड में कई जानकारियां रखी जा सकती हैं. आइडिया आने के बाद मासाहिरो हारा ने अपने इस आइडिया को रूप देने के लिए डेंसो वेब टीम के साथ हाथ मिलाया और ग्रिड प्रणाली को क्यूआर में तबदील करने का काम पूरा हुआ. शुरुआत में तो इसका इस्तेमाल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पार्ट्स को लेबल करने के लिए करती थी, लेकिन अब क्यूआर कोड का इस्तेमाल हर जगह हो रहा है.