अब्बास अंसारी को इलाहाबाद HC से बड़ा झटका, गैंगस्टर एक्ट मामले में जमानत याचिका खारिज

मुख्तार अंसारी के बेटे और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. विधायक ने गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में जमानत याचिका दाखिल की थी.

 
उत्तर प्रदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के विधायक अब्बास अंसारी को बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. एसबीएसपी विधायक ने गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में जमानत के लिए हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी. कोर्ट के फैसले के बाद अब मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को जेल में ही रहना होगा.

अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी. कोर्ट ने इन-चैंबर बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जमानत याचिका दाखिल की थी. जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच ने यह आदेश दिया था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अब्बास अंसारी की हिस्ट्रीशीट को भी प्रमुख आधार बनाया है. कोर्ट के फैसले में लिखा है कि अब्बास अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कुल 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में अब्बास अंसारी को गैंग लीडर बताया गया है.

अब्बास अंसारी की ओर से उनके वकील उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट में अपनी दलीलें पेश कीं. जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और शासकीय अधिवक्ता एके संड मौजूद रहे. वहीं कोर्ट में सरकारी वकीलों ने अब्बास अंसारी के परिवार का आपराधिक इतिहास भी पेश किया गया और जमानत नहीं देने का अनुरोध किया गया.

अब्बास अंसारी और अन्य के खिलाफ चित्रकूट के कर्वी थाने में 31 अगस्त 2024 को गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. अब्बास अंसारी फिलहाल, उत्तर प्रदेश की कासगंज जेल में बंद हैं. इससे पहले सुभासपा विधायक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अंतरिम जमानत की गुहार लगाई थी. हालांकि, कोर्ट ने अब्बास अंसारी को राहत देने के मना कर दिया था और हाईकोर्ट में अपील करने के आदेश दिया था.