जिंदा को कर दिया मृत घोषित… रोक दी वृद्धा पेंशन, जीवित होने का प्रमाण देने पर भी नहीं मिला पैसा

जालौन जिले के कोंच तहसील के अंतर्गत आने वाले बस्ती गांव के रहने वाले अवध बिहारी पुत्र दुर्गा प्रसाद कई वर्षों से सरकार द्वारा निर्धारित की गई वृद्धा पेंशन को ले रहे थे. लेकिन एक साल पहले उन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत दिखाकर पेंशन रोक दी गई.

 
उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में सरकारी विभाग का बड़ा कारनामा और लापरवाही सामने आई है. यहां एक जीवित वृद्ध को सरकारी कागजों में मृत दिखाकर उसकी वृद्धा पेंशन रोक दी गई. बीते एक वर्ष से वृद्ध अपने आप को जीवित होने का सरकारी कार्यालयों में प्रमाण दे रहा है. मगर इसके बावजूद भी उसकी पेंशन शुरू नहीं की गई, जिसके बाद वृद्ध जिलाधिकारी के पास समाधान दिवस में पहुंचा. जहां उसने जिलाधिकारी को पूरी जानकारी दी. जिलाधिकारी ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल लेखपाल और कानूनगो से इसकी जांच कराई, साथ ही वृद्ध की दोबारा पेंशन शुरू करने के लिए समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिए हैं.

मामला कोंच तहसील के अंतर्गत आने वाले बस्ती गांव का है. बस्ती गांव के रहने वाले अवध बिहारी पुत्र दुर्गा प्रसाद कई वर्षों से सरकार द्वारा निर्धारित की गई वृद्धा पेंशन को ले रहे थे. लेकिन एक साल पहले उन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत दिखाकर वृद्धा पेंशन रोक दी गई. एक साल से पेंशन न आने पर, बैंक जाकर पेंशन के बारे में जानकारी ली. लेकिन बैंक से सही जवाब न मिलने पर अवध बिहारी उरई मुख्यालय स्थित समाज कल्याण विभाग कार्यालय पहुंचे. पहले तो उन्हें वहां सही जवाब नहीं मिला. कई बार चक्कर लगाने के बाद, कार्यालय में तैनात लिपिक द्वारा बताया गया कि उनकी मृत्यु हो गई है. जिस कारण उनकी पेंशन को सरकार द्वारा रोक दिया गया.

कागजों में वृद्ध को बताया मृत

इस दौरान उसने समाज कल्याण विभाग में अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र दिया. मगर इसके बाद भी उसकी पेंशन शुरू नहीं हो सकी. जब शनिवार को कोंच कोतवाली में आयोजित समाधान दिवस में जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय और पुलिस अधीक्षक डॉ दुर्गेश कुमार पहुंचे तो अवध बिहारी ने प्रार्थना पत्र देते जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकारी कागजों में मृत दिखाकर पेंशन बंद कर दी गई. वह अपने आप को जीवित दिखाने के लिए शपथ पत्र के साथ सारे दस्तावेज दिखा रहा है, जिसे सुनकर जिलाधिकारी भी हैरान रह गए. इस दौरान वृद्ध ने बताया कि पेंशन न मिलने के कारण वह अपना भरण पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं.

डीएम ने लेखपाल को दिए ये निर्देश

इसके बाद डीएम ने वृद्ध की बात सुनते हुए इस मामले की तत्काल जांच कराई. लेखपाल तथा कानूनगो को उसके जीवित होने के बारे में जानकारी ली तथा ग्राम प्रधान से भी बात की. जिसके बाद पता चला कि वह जीवित हैं. जिस पर उन्होंने समाज कल्याण विभाग को तत्काल निर्देश देते हुए अवध बिहारी की पेंशन जारी करने के निर्देश दिए.

इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि वृद्ध को पूरी एक साल की पेंशन दी जाएगी. साथ ही इस मामले की भी जांच की जाएगी कि किसके द्वारा उसे मृत दिखाया गया है. जिसने भी यह किया है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.