जिनकी सरकार में 86 में एक ही जाति के 56 लोगों को नौकरी मिली थी… सीएम योगी का सपा पर हमला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग हम पर आरोप लगाते हैं. सपा सरकार में 86 एसडीएम की नियुक्ति हुई थी. 86 में से 56 सिर्फ एक ही जाति के लोग थे. हम पर आरोप लगाने वाले लोग इस बात पर खामोश हो जाते हैं. पिछले 7 साल में हमने 6.50 लाख सरकारी भर्ती की. इसमे 60 फीसदी ओबीसी समाज के लोग थे.

 
योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में आयोजित बीजेपी ओबीसी मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीएसपी पर निशाना साधा. सीएम ने कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर सवाल खड़े किए जाते हैं. ये वही लोग हैं, जिनकी सरकार में 86 में 56 एक ही जाति के लोगों को नौकरी मिली थी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग हम पर आरोप लगाते हैं. सपा सरकार में 86 एसडीएम की नियुक्ति हुई थी. 86 में से 56 सिर्फ एक ही जाति के लोग थे. हम पर आरोप लगाने वाले लोग इस बात पर खामोश हो जाते हैं.

पिछली सरकारों ने कांवड़ यात्रा को रोकने का प्रयास किया

सीएम ने कहा कि पिछले 7 साल में हमने 6.50 लाख सरकारी भर्ती की. इसमे 60 फीसदी ओबीसी समाज के लोग थे. 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में हमने इसको लागू किया. अभी कांवड़ यात्रा चल रही है. यही यात्रा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीएसपी की सरकारों में प्रतिबंधित थी. पिछली सरकारों ने इसे रोकने का प्रयास किया था.

ऐसा ही षड्यंत्र इस समाज के साथ किया गया

अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा, आप सभी समाज के उस तबके से जुड़े हैं और प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके मन में समाज और देश के लिए आगे बढ़ने का जज्बा है. जब कोई समाज अपने स्व का बोध खोता है तो उसके सामने अस्तित्व का संकट खड़ा होता है. कुछ ऐसा ही षड्यंत्र इस समाज के साथ किया गया.

लोकसभा चुनाव इसका उदाहरण है

मुख्यमंत्री ने कहा कि, ये समाज अपनी ताकत से भारत को सोने की चिड़िया बनाने का जज्बा रखता था. एक साजिश के तहत इसे आपसे में ही लड़ाया गया. वो ताकतें जानती थीं कि ये समाज ऐसे ही पराक्रमी रहा तो दुनिया की कोई ताकत भारत का बाल बांका नहीं कर पाएगा. परिणाम हम सबके सामने है.

सीएम योगी ने कहा, जो काम कभी विदेश आक्रांता करते थे, आज वही काम देश के राजनीतिक दलों ने सेकुलरिज्म के नाम पर किया है. हाल ही में हुआ लोकसभा चुनाव इसका उदाहरण है. जातियों को आपस में लड़ाकर अस्तित्व का संकट खड़ा किया गया.