11 साल पहले कृपालु जी महाराज का हादसे में निधन, अब बेटी की भी एक्सीडेंट में मौत; बनवाया था वृंदावन का प्रेम मंदिर

कृपालु जी महाराज ने वृंदावन में प्रेम मंदिर को बनवाया था. इनके बारे में कहा जाता है कि इन्होंने कभी भी कोई शिष्य नहीं बनाया, लेकिन उनके लाखों अनुआयी हैं. प्रेम मंदिर मंदिर श्री कृष्ण राधा और राम-सीता को समर्पित है.

 
उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेस पर रविवार की सुबह भीषण सड़क हादसा हुआ. तेज रफ्तार डंपर ने दो कारों को जोरदार टक्कर मार दी. इस हादसे में वृंदावन के संत और जगदगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई, वहीं कृपालु जी महाराज की दो छोटी बेटियां भी गंभीर रूप से जख्मी हैं, जिन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह हादसा ग्रेटर नोएडा के दनकौर के पास हुआ है.

जगद्गुरु कृपालु परिषद ने हादसे की पुष्टि की है. 75 वर्षीय विशाखा त्रिपाठी अपनी बहन श्यामा त्रिपाठी, कृष्णा त्रिपाठी सहित अन्य 5 लोगों के साथ दो कारों में सवार होकर वृंदावन से रविवार की सुबह दिल्ली के लिए निकली थीं. इसी बीच, नोएडा के दनकौर में एक डंपर ने दोनों कारों में जोरदार टक्कर मार दी. हादसे में विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई. डॉ विशाखा त्रिपाठी वृंदावन के प्रेम मंदिर की अध्यक्ष थीं.

जगदगुरु कृपालु जी महाराज का हादसे में हुआ था निधन

विशाखा त्रिपाठी के पिता जगदगुरु कृपालु जी महाराज का निधन भी एक हादसे में हुआ था. साल 2013 में प्रतापगढ़ के मनगढ़ आश्रम की छत से जगदगुरु कृपालु जी महाराज गिर गए थे और जख्मी हो गए. उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया. ब्रेन हेमरेज होने की वजह से वे कोमा में चले गए थे. 15 नवंबर, 2013 को अस्पताल में ही 91 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.

प्रेम मंदिर को बनने में 11 साल लगे थे

कृपालु जी महाराज ने वृंदावन में प्रेम मंदिर को बनवाया था. इनके बारे में कहा जाता है कि इन्होंने कभी भी कोई शिष्य नहीं बनाया, लेकिन उनके लाखों अनुआयी हैं. प्रेम मंदिर मंदिर श्री कृष्ण राधा और राम-सीता को समर्पित है. मंदिर का निर्माण जनवरी 2001 में शुरू हुआ और 11 सालों में बनकर तैयार हुआ. इस मंदिर का उद्घाटन 17 फरवरी 2012 को हुआ था.

54 एकड़ में फैला है प्रेम मंदिर

ऐसा कहा जाता है कि प्रेम मंदिर को बनवाने में लगभग 100 करोड़ रुपए खर्च हुए. इटैलियन करारा संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है. मंदिर 54 एकड़ में फैला है. मंदिर परिसर के भीतर फव्वारे लगे हैं. इसके अलावा कृष्ण के गोवर्धन लीला, कालिया नाग दमन लीला सहित अन्य देवी-देवताओं की झांकियां भी लगी हुई हैं. मंदिर में 94 स्तम्भ हैं, जिनपर भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाएं प्रदर्शित हैं.