इस गांव में हुआ था राधा रानी का जन्म, लोगों से ऐसे मनाई राधा-अष्टमी इस गांव में हुआ था राधा रानी का जन्म, लोगों से ऐसे मनाई राधा-अष्टमी
राधा रानी का जन्म मथुरा के रावल गांव में हुआ था. राधा अष्टमी के दिन गांव में भक्तों का सैलाब उमड़ता है. यहां स्थित प्राचीन मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया जाता है. राधा रानी के जन्मोत्सव पर मंदिर पर पंचामृत से अभिषेक कराया गया.
ब्रज इलाके में राधा अष्टमी के पावन पर्व पर राधा रानी का जन्म उत्सव बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. ब्रज के मंदिरों के साथ-साथ घरों में भी राधा रानी के जन्म उत्सव की धूम है. बड़ी संख्या में भक्त राधा रानी के दर्शन के लिए उनके जन्मस्थान गांव रावल में पहुंच रहे हैं. हजारों भक्त गांव में जाकर राधा रानी के मंदिर पर दर्शन कर रहे हैं. मंदिर पर सवा किलो पंचामृत के साथ राधा रानी का महा अभिषेक किया गया है.
प्राचीन रावल गांव राधा रानी का जन्म स्थान है. इसके अलावा ब्रज के बरसाना, मथुरा, वृंदावन आदि जगहों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. गांव रावल में राधा अष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया. इस पावन अवसर पर मंदिर को भव्य तरीके से सजाया संवारा गया. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा दुरुस्त की गई.
रावल गांव में हुआ राधा रानी का जन्म
रावल गांव मथुरा से 15 किलोमीटर दूर स्थित है. बुधवार को गांव में राधा रानी के मंदिर में सुबह से ही भक्तों का सैलाब देखने को मिल रहा था. राधा अष्टमी को लेकर मंदिर में पिछले कई दिनों से तैयारी चल रही यही. मंदिर को रंग बिरंगी लाइट और कई तरह के फूलों से सजाया संवारा गया. सुबह 4:30 बजे राधा रानी के विग्रह को भक्तों के समक्ष लाया गया. भक्तों के सामने राधा रानी का महा अभिषेक प्रारंभ हुआ. मंदिर में अभिषेक प्रारंभ होते ही मंत्र उच्चारण के साथ घंटा घडियाल के स्वर गूंजने लगे. सभी भक्त राधा रानी के दर्शन करने के लिए आतुर दिखाई दिए. राधा रानी के महा अभिषेक के दर्शन कर अपने आप को धन्य समझ रहे थे.
पंचामृत से किया गया अभिषेक
राधा रानी का सवा किलो दूध, दही, घी और बूरा के साथ पंचामृत से अभिषेक किया गया. उसके बाद राधा रानी को नवीन पोशाक धारण कराई गई. इस बारे में जानकारी देते हुए रावल गांव के राधा रानी मंदिर के पुजारी राहुल गोस्वामी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष के भांति इस वर्ष भी राधा रानी का जन्म उत्सव बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इस बार भक्तों का सैलाब भी देखने को मिल रहा है. सुरक्षा व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा अच्छी की गई है. इस अभिषेक में सवा किलो पंचामृत का उपयोग किया गया है.