नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से राहत, CBI की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

13 जनवरी 2012 को यादव सिंह के खिलाफ गौतमबुद्धनगर में धोखाधड़ी, गबन और भ्रष्टाचार के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

 
Delhi News

नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. जस्टिस हृषिकेश रॉय और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई. गुरुवार को सुनवाई के दौरान यादव सिंह के वकील एनके कौल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्टशीट दायर करने के बाद वारंट जारी किया गया है. मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी.

13 जनवरी 2012 को यादव सिंह के खिलाफ गौतमबुद्धनगर में धोखाधड़ी, गबन और भ्रष्टाचार के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

यादव सिंह पर कथित तौर पर दिसंबर 2011 में आठ दिनों में 954 करोड़ रुपये के 1,280 रखरखाव अनुबंधों को निष्पादित करने का आरोप है.

जताई थी गिरफ्तारी की आशंका

पीठ ने जमानत के लिए सिंह की नई याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए कहा, ”याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी.” बता दें कि शीर्ष अदालत ने 1 अक्टूबर, 2019 को यादव सिंह को जमानत दे दी थी.

शीर्ष अदालत ने 2019 में कहा था कि पक्षों के वकील को सुनने के बाद, हम ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए नियमों और शर्तों के अधीन, याचिकाकर्ता को जमानत देना उचित समझते हैं. हालांकि, चूंकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को यह आशंका है कि अगर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया, तो सबूतों या गवाहों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है, इसलिए प्रतिवादी के पास इसे रद्द करने के लिए आवेदन करने का विकल्प खुला होगा.