‘5 लाख दो सेना का ऑफर लेटर लो’… खुद चाहता था नौकरी, दलालों के चक्कर में बन गया ठग

मेरठ में अरविंद राणा नाम के शख्स को एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस ने ठगी के मामले में गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी अरविंद सेना में नौकरी की तलाश करने वाले बेरोजगार युवाओं से नौकरी लगवाने का नाम पर ठगी करता था.

 
उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस ने सेना में नौकरी लगवाने के नाम पर रुपए ठगने वाले एक नटवरलाल को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ और आर्मी इटेलिजेंस ने जिस आरोपी को गिरफ्तार किया है उसका नाम अरविंद राणा है. बदायूं जिले का रहने वाला अरविंद राणा खुद भी मचेंट नेवी में था और सफाईकर्मीं की पद पर नौकरी करता था. जहाज के पलटने के डर से अरविंद राणा ने नौकरी छोड़ दी थी. अरविंद खुद के लिए सेना में नौकरी की तलाश करने लगा, जब नौकरी नहीं मिली तो बेरोजगारों को सेना में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगने का काम शुरू कर दिया. एसटीएफ ने आरोपी को मेरठ के मिलिट्री अस्पताल के पास से गुरुवार को अरेस्ट किया है.

मेरठ में अरविंद राणा नाम के शख्स को एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस ने ठगी के मामले में गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी अरविंद सेना में नौकरी की तलाश करने वाले बेरोजगार युवाओं से नौकरी लगवाने का नाम पर रुपयों की ठगी करता था. वहीं गिरफ्तारी के बाद आरोपी अरविंद राणा के पास से फर्जीं आधार कार्ड, मिलिट्री कार्ड, ज्वाइनिंग लेटर सहित तमाम कागजात बरामद हुए हैं जो सबूत के तौर पर एसटीएफ ने जमा कर लिए हैं. आरोपी के खिलाफ मेरठ के सदर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.

एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

एसटीएफ के एएसपी बृजेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार को उनको सूचना मिली थी कि कैंट क्षेत्र स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल में अरविंद राणा अपना फर्जी तरीके से मेडिकल बनवाने आ रहा है. वहीं एसटीएफ की टीम ने फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के दौरान ही उसको गिरफ्तार करने की प्लानिंग की थी. अरविंद की तलाश में दबिश दी गई तो आरोपी को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया.

सेना में नौकरी की तलाश और बन गया ठग

उन्होंने आगे बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद अरविंद अपने लिए सेना में नौकरी की तलाश में था. अरविंद राणा की मुलाकात मर्चेंट नेवी में ही काम करने वाले सौरम से हुई, जो बिजनौर का रहने वाला है. सौरभ ने अरविंद को हापुड़ के योगेश गौतम से मिलने को कहा था. सौरभ ने बताया की योगेश कहीं और नौकरी लगवा देगा. कुछ दिन बाद अरविंद ने योगेश गौतम से मोबाइल पर बात की और उसे मिलने के लिया हापुड़ गया जहां पर योगेश ने उसकी दोस्ती बागपत के अजय उर्फ गुरुजी, बिटू उर्फ पहलवान और विष्णु उर्फ बलराम से कराई.

5 लाख रुपए में नौकरी लगवाने का दावा

अरविंद जब अजय से मिला और उससे अपनी नौकरी लगवाने के लिया कहा तो अजय ने उससे कहा कि अब तुम सेना में नौकरी नहीं कर सकते हो क्योंकि तुम ओवरएज हो चुके हो. अरविंद ने बताया कि अजय ने ही उसे ऑफर दिया कि उनके साथ सिंडिकेट में शामिल हो जाए. अजय ने अरविंद को बताया कि हर कैंडिडेट से 4 से 5 लाख रुपए लेते हैं और नौकरी लगवा देते हैं. तुम मेरे को ऐसे लोग ला कर दो हम नौकरी लगवा देंगे और पैसे आपस में बांट लेंगे. अरविंद लालच में आ कर उनसे जुड़ गया. पकड़े जाने तक इस पूरे सिंडिकेट ने 40 लोगों को ठगा है.