संभल मस्जिद विवाद के दो युवा किरदार, एक ने फरमान सुनाया और दूसरे ने अमल कराया

उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा में 27 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर भीड़ को भड़काने का आरोप है. इस पूरे विवाद में दो युवा किरदार भी रहे हैं. एक हैं सिविल जज आदित्य सिंह और दूसरे हैं CO अनुज चौधरी. आदित्य सिंह ने जहां फरमान सुनाने का कार्य किया तो अनुज चौधरी ने उसे अमल कराने का काम किया.

 
उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के बीच हिंसा भड़क गई. मामले में अब तक 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. FIR में संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक के बेटे सुहैल इकबाल का भी नाम है. आरोप है कि उन्होंने मस्जिद जाकर नमाज अदा करने के बाद भीड़ को जुटाया और भड़काऊ बयानबाजी की. उन्होंने राजनीतिक लाभ लेने और सौहार्द बिगड़ने के लिए भीड़ को उग्र किया. इसके इतर इस पूरे विवाद के दो युवा किरदार भी हैं, जिसमें से एक ने फरमान सुनाया तो दूसरे ने अमल कराया है. फरमान सुनाने वाले हैं जज आदित्य सिंह और उसको अमल कराने वाले CO अनुज चौधरी.

कौन हैं आदित्य सिंह?

बात पहले जज आदित्य सिंह की करते हैं. आदित्य बतौर सिविल जज संभल में तैनात हैं. 11 नवंबर , 1988 को जन्मे आदित्य सिंह मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं. 13 जून, 2018 को वह ज्यूडिशियल सर्विस में आए. 18 नवंबर, 2023 को सिविल जज के तौर पर उनका प्रमोशन हुआ. संभल से पहले सहारनपुर और बिजनौर में उनकी तैनाती रही है.

जुलाई 2022 में आदित्य सिंह का तबादला बिजनौर के चांदपुर में कर दिया गया था. 21 नवंबर 2023 को उन्हें चंदौसी संभल में सिविल जज नियुक्त किया गया. उनकी ही अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. यह आदेश उस याचिका को सुनने के बाद दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि 1526 में मस्जिद बनाने के लिए एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था.

अनुज चौधरी को जानिए

अनुज चौधरी DSP रैंक के अधिकारी हैं. वह बतौर CO संभल में तैनात हैं. अनुज स्पोर्ट्स कोटे से यूपी पुलिस में भर्ती हुए. 15 जुलाई, 1978 को जन्मे अनुज चौधरी अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में भारत का मान बढ़ा चुके हैं. उन्होंने देश के लिए कुश्ती में कई मेडल भी जीते हैं. अर्जुन अवॉर्ड पा चुके अनुज चौधरी अपनी फिटनेस के लिए जाने-जाते हैं. अनुज मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने 2002 और 2010 के नेशनल गेम्स में दो सिल्वर मेडल जीते थे और एशियाई चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीते थे.

अनुज चौधरी संभल में हिंसा के दौरान घायल भी हुए. उनके पैर में गोली लग गई थी. उनका एक बयान भी खूब वायरल हुआ. उन्होंने कहा था कि पुलिस को भी आत्मरक्षा का अधिकार है.पुलिसकर्मी मरने के लिए पुलिसबल में भर्ती नहीं हुए हैं. वायरल वीडियो में अनुज चौधरी ये भी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पुलिसकर्मियों के भी बच्चे और परिवार हैं. वह सवाल करते हैं कि क्या हमारा यानी पुलिसकर्मियों का परिवार नहीं है? अनुज चौधरी वीडियो में कह रहे हैं कि संभल में 4 से 6 घंटे क्या हालात रहे, पहले उसे देखना चाहिए.

सीएम योगी को भेजी गई रिपोर्ट

इस बीच, ये भी जानकारी सामने आई है कि संभल हिंसा को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन ने सीएम योगी को रिपोर्ट भेज दी है. शासन ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी. पुलिस और जिला प्रशासन सरकार को पूरी डिटेल के साथ रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में सर्वे की टीम के आने जाने, हिंसा की शुरुआत कब कैसे हुई सभी का जिक्र है. रिपोर्ट में लोगों की भीड़ और हिंसा की शुरुआत किसके कहने पर हुई, सबकी डिटेल मौजूद है. हिंसा के बाद पुलिस और प्रशासन ने हिंसक भीड़ पर कैसे और क्या-क्या एक्शन लिया उसका ब्यौरा मौजूद है.