अफजाल अंसारी या बेटी लड़ेगी चुनाव? हाईकोर्ट के फैसले का अभी और करना होगा इंतजार

अफजाल अंसारी के चुनाव लड़ने को लेकर सस्पेंस बरकरार है क्योंकि गैंगस्टर एक्ट मामले में सुनाई गई सजा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. अफजाल अंसारी के वकीलों ने हाईकोर्ट मंगलवार को अपना पक्ष रखा. 20 मई को अब हाईकोर्ट में अगली सुनवाई होगी.

 
लोकसभा चुनाव 2024

लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश की गाजीपुर लोकसभा सीट पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. यहां मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. समाजवादी पार्टी ने मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को टिकट दिया है, जोकि मंगलवार को नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंचे. पहले अफजाल अंसारी की बेटी नामांकन दाखिल करने पहुंचीं, उसके बाद अफजाल पहुंचे. अफजाल के ऊपर खतरा मंडरा रहा है क्योंकि गैंगस्टर एक्ट मामले में सुनाई गई सजा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है.

अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में सुनाई गई सजा के खिलाफ अर्जी पर जस्टिस संजय कुमार की सिंगल बेंच सुनवाई कर रही है. अफजाल अंसारी के साथ ही राज्य सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार की अर्जी पर भी कोर्ट सुनवाई कर रही है. कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने गैंगस्टर एक्ट में मिली 4 साल की सजा को बढ़ाए जाने की मांग की है. अफजाल अंसारी के चुनाव लड़ने की उम्मीदें अब न के बराबर हुईं है. वह अब अपना नामांकन वापस ले सकते हैं.

20 मई को हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

अफजाल अंसारी के वकीलों ने हाईकोर्ट मंगलवार को अपना पक्ष रखा. 20 मई को अब हाईकोर्ट में अगली सुनवाई होगी. अफजाल को गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने पिछले साल 29 अप्रैल को गैंगस्टर मामले में 4 साल की कैद और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. बीजेपी के विधायक रहे कृष्णानंद राय की हत्या को लेकर गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था, जिसमें गाजीपुर की विशेष अदालत ने दोषी कर देते हुए अफजाल अंसारी को सजा सुनाई है.

अफजल अंसारी की जमानत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली थी. हालांकि सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके चलते संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाई. और अपील पर जल्द से जल्द सुनवाई करने का आदेश दिया था. अब राज्य सरकार ने भी सजा बढ़ाने की मांग कर अपील दाखिल कर दी. अब इलाहाबाद हाईकोर्ट से अगर अफजाल को राहत नहीं मिलती है तो वो चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.

क्यों नहीं लड़ सकते अफजाल अंसारी चुनाव?

अफजाल अंसारी को अगर हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती है और उनकी सजा नहीं रद्द होती है तो वह लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. वह अपनी जगह बेटी नुसरत अंसारी को चुनाव लड़ाएंगे. हालांकि अफजाल अंसारी आज समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर गाजीपुर से नामांकन कर रहे हैं. गाजीपुर में नामांकन की अंतिम तारीख कल यानी 14 मई है. पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत दो साल से ज्यादा सजा पाने वाला कोई भी शख्स चुनाव नहीं लड़ सकता है.